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आपराधिक साजिश में शामिल होना भी कानून की नज़र में गुनाह है || Involved in any criminal conspiracy is the crime in eye of law | Section 120A ipc in hindi || Section 120B IPC in hindi || IPC

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 Involved in any criminal conspiracy is the crime in eye of law 

 जी हाँ, किसी भी आपराधिक साजिश में शामिल होना भी कानून की नज़र में एक गुनाह है, यह मामला Criminal Conspiracy (आपराधिक षड्यंत्र) की श्रेणी में आता है, जो कि भारतीय दण्ड संहिता की धारा 120A व 120B में दंडनीय अपराध है, भारतीय दण्ड संहिता के अनुसार जब दो या दो से अधिक व्यक्ति मिलकर ऐसा कोई कार्य करते है, जो अवैध है, या वैध कार्य अवैध साधनों द्वारा किया गया है, कानून की नज़र में गुनाह है |

>उदाहरण के लिए चार लोगो ने मिलकर किसी कि हत्या कि साजिश की, और हत्या कि साजिश को अंजाम देने के लिए चारो एक साथ गये, लेकिन उन चारो में से किसी एक ने हत्या को अंजाम दिया, लेकिन भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत चारो व्यक्ति कानून की नज़र में दोषी है, क्योकि चारो का उदेश्य एक ही था |

लेकिन किसी भी अपराध को करने की सहमति के सिवाय कोई सहमति अपराधिक षड्यंत्र तब तक नहीं होगी, जब तक सहमति के अलावा कोई कार्य उसके अनुसरण में उस सहमति के एक या अधिक पक्षकारो द्वारा नहीं कर दिया जाता |

आपराधिक षड्यंत्र के लिए दण्ड (Punishment for Criminal Conspiracy)

ऐसे मामलो की साजिश में शामिल शख्स यदि फांसी, उम्रकैद या दो वर्ष या उससे अधिक अवधि के कठिन कारावास से दंडनीय अपराध करने की आपराधिक साजिश में शामिल होगा, तो भारतीय दण्ड संहिता की धारा 120 बी के तहत उसको भी अपराध करने वाले के बराबर सजा मिलेगी, अन्य मामलों में यह सजा छह महीने की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं |

सम्बंधित मामला (Related Case)

सी.बी.आई. बनाम वी.सी.शुक्ला ( A.I.R 1998 S.C. 1406) :- इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने अभिनिर्धारित किया कि जहा पर अभियोजन पक्ष यह साबित करने में विफल हो कि दो अभियुक्तों में से एक ही षड्यंत्र में शामिल था, तो दुसरे अभियुक्त पर से अपराधिक षड्यंत्र का आरोप समाप्त हो जायेगा, क्योकि भारतीय दण्ड संहिता के अनुसार आपराधिक षड्यंत्र को अंजाम देने के लिए एक से अधिक व्यक्ति होने चाहिए |

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