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भारतीय नागरिकता के प्रावधान || Provision of Indian citizenship || Article 5 to 11 of indian Constitution in Hindi

भारतीय नागरिकता (Indian citizenship)

Article 5 to 11 in hindi:- भारत के संविधान में नागरिकता के प्रावधान भाग-2 अनुछेद 5 से 11 तक में किया गया है, व 1955 में भारत में नागरिकता अधिनियम 1955 पारित किया गया,  जिसे समय- समय पर संशोधित किया गया है नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 1986 में, 1992 में ,2003 में, 2005 में, इस लेख में  भारतीय नागरिकता  के  प्रावधानों के बारे दो भागो में बताया जा रहा है, भाग-I में भारतीय नागरिकता के संविधान में दिए गए प्रावधानों के बारे में बताया जा रहा है, दी गयी जानकारी में कोई दोष हो या आपका कोई सवाल हो तो कमेंट बॉक्स में जरूर दे |

भाग-I- भारत के संविधान में नागरिकता के प्रावधान (अनुछेद 5 से 11) Constitution of India Article 5-11

अनुछेद 5(Article 5 of Indian Constitution-संविधान के प्रारंभ पर वह प्रत्येक व्यक्ति जो भारत के राज्य क्षेत्र में रह रहा है और:-

(क)    जो भारत के राज्यक्षेत्र में जन्मा था, या

(ख)    जिस के माता पिता मैं से कोई भारत कि राज्य क्षेत्र में जन्मा था, या

(ग)    जो ऐसे प्रारंभ से ठीक पहले कम से कम पांच वर्ष तक भारत के राज्य क्षेत्र में मामूली तौर से निवासी रहा है, भारत का नागरिक होगा |

अनुछेद 6-(Article 6 of Indian Constitutionपाकिस्तान से भारत को प्रव्रजन करने वाले व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार:-

(क)    यदि वह अथवा उसके माता पिता मैं से कोई अथवा उसके पितामह आदि में से कोई भारत शासन अधिनियम 1935 से परिभाषित भारत में जन्मा था  और

(ख)    वह व्यक्ति जिसने 19 जुलाई 1948 से पहले इस प्रकार प्रव्रजन किया है तब यदि वह अपने प्रव्रजन की तारीख से भारत के राज्य क्षेत्र मैं मामूली तौर से निवासी रहा है: या

       (ii)    वह व्यक्ति ऐसा है जिसने 19 जुलाई 1948 को उसके पश्चात भारत में आया है, व आवेदन किए जाने पर उस अधिकारी द्वारा भारत का नागरिक पंजीकृत कर लिया गया है:

लेकिन यदि कोई व्यक्ति अपने आवेदन की तारीख से ठीक पहले कम से कम 6 महीने भारत के राज्य क्षेत्र में निवासी रहा है, तो वह इस प्रकार पंजीकृत नहीं किया जाएगा |

अनुछेद 7-(Article 7 of Indian Constitution)पाकिस्तान को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार:-

यदि कोई व्यक्ति जिसने 1 मार्च 1947 के पश्चात पाकिस्तान में रहता है, तो वह भारत का नागरिक नहीं समझा जाएगा, लेकिन इस अनुच्छेद की कोई बात ऐसे व्यक्ति पर लागू नहीं होगी जो किसी विधि  के अधीन पुनर्वास  के पश्चात लौट आया है,  

अनुछेद 8- (Article 8 of Indian Constitution) भारत के बाहर रहने वाले भारतीय व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार:-

माता पिता मैं से कोई अथवा उसके पितामह भारत शासन अधिनियम 1935 में परिभाषित भारत में जन्मा था और जो इस प्रकार परिभाषित भारत के बाहर किसी देश में अस्थाई तौर पर निवास कर रहा है भारत का नागरिक समझा जाएगा यदि वह भारत का नागरिक  होने  के लिए आवेदन किए जाने पर  भारतीय राजनयिक द्वारा भारत का नागरिक पंजीकृत कर लिया गया है|

अनुछेद 9- (Article 9 of Indian Constitution)विदेशी राज्य  की नागरिकता स्वेच्छा से अर्जित करने पर:-

यदि किसी व्यक्ति ने किसी विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छा से अर्जित कर ली है तो भारत का नागरिक नहीं समझा जाएगा |

अनुछेद 10-(Article 10 of Indian Constitutionभारतीय नागरिकता का बना रहना:-

प्रत्येक व्यक्ति जो नागरिकता विधि के पूर्वगामी उपबंधों में से किसी के अधीन भारत का नागरिक है या समझा जाता है ऐसी विधि के उपबंधों के अधीन रहते हुए जो संसद द्वारा बनाई जाए भारत का नागरिक बना रहेगा |

अनुछेद 11-(Article 11 of Indian Constitutionसंसद द्वारा नागरिकता के अधिकार का विधि द्वारा विनियमन किया जाना:-

संसद को  नागरिकता के अर्जन और समाप्ति के तथा नागरिकता से संबंधित अन्य सभी विषयों के संबंध में उपबंध करने की संसद को शक्ति प्राप्त रहेगी |

नागरिकता अधिनियम 1955

भारत के नागरिकता के प्रावधान  नागरिकता अधिनियम 1955 में भी दिए गए है ,  जिसे समय- समय पर संशोधित किया गया है नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 1986 में,नागरिकता संशोधन अधिनियम1992 में ,नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2003 में,नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2005 में, व भारत में नागरिकता ( नागरिकता अधिनियम 1955 के अनुसार) पांच प्रकार से अर्जित की जा सकती है, जिसे आगामी लेख में नागरिकता अधिनियम के अनुसार भारतीय नागरिकता  के  प्रावधानों  के बारे में बताया जायेगा,

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