Criminal Law

क्या किसी दुसरे पुरुष की पत्नी के साथ नाजायज रिश्ता रखना अपराध है ? || Is it a crime to have an illegitimate relationship with another man’s wife?

क्या किसी दूसरे पुरुष की पत्नी के साथ नाजायज रिश्ता रखना अपराध है?

इसका जवाब है नहीं | अब किसी दुसरे पुरुष की पत्नी के साथ नाजायज रिश्ता रखना अपराध नहीं माना जायेगा, सुप्रीम कोर्ट द्वारा 158 वर्ष पुराने व्यभिचार के कानून को समाप्त कर दिया गया है, पांच जजों की बेंच द्वारा कोर्ट ने अडल्टरी (जारकर्म) मामले में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 497 को असंवैधानिक करार दे दिया है । पहले इस धारा में कहा गया था कि अगर कोई शादीशुदा पुरुष किसी और शादीशुदा महिला के साथ उसकी सहमति से संबंध बनाता है, तो ऐसे संबंध बनाने वाले पुरुष के खिलाफ उक्त महिला का पति अडल्टरी का केस दर्ज करा सकता है, लेकिन संबंध बनाने वाली महिला के खिलाफ मामला दर्ज करने का प्रावधान नहीं है, महिला को केवल एक पीडिता  (the victim) माना जाता था, जो कि भेदभाव है, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह महिलाओ की स्वतंत्रता  (violation of rights) के खिलाफ है, एक पति और पत्नी के रिश्ते में कोई भी सर्वेसर्वा नही है, कानून सभी के लिए बराबर का है| इसलिए इस कानून को समाप्त कर दिया गया है|

धारा 497 के खिलाफ किसने कि थी याचिका दायर ? (Who filed petition against Section 497)

केरल के NRI (Non-Resident Indian) जोशेफ़ शाइन ने 10 अक्टूबर, 2017 को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 497 को असवैधानिक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी |

आखिर धारा 497 को असवैधानिक करार क्यों दिया गया ? After all, Section 497 was given an unconstitutional agreement?

यह संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 21 (breach of constitution articles )का उल्लंघन करता है| जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ ने अपने फैसले में कहा कि एडल्टरी कानून महिला के सेक्सुअल चॉइस (sexual choice) को रोकता है, और इसलिए यह गैर संवैधानिक है।  चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर पीड़ित  पति या पत्नी व्याभिचार (adultery) की वजह से खुदकुशी करते हैं, और उसके साक्ष्य मिलते हैं, तो खुदकुशी के लिए उकसाने (Abetting suicide) का मामला चलेगा। चीफ जस्टिस (chief justice) ने कहा कि समानता (right to equality) सभी का मौलिक अधिकार है एवं महिला की गरिमा सबसे ऊपर है अतः पति खुद को औरत का मालिक ना समझे | सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि व्यभिचार तलाक का एक अच्छा आधार हो सकता है | अतः अब शादी के बाद दुसरे पुरुष की पत्नी के साथ शारीरिक सम्बन्ध (Sexual relations) बनाना अपराध नही है |

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